बेटा तुम आगे बढ़ना ,
बुरा कभी किसी का न करना ,
प्यार सभी से तुम करना।
बेटा तुम आगे बढ़ना ।
तुम दौड़ना, तुम गिरना ,
तुम गिरकर फिरसे उठना ,
कोशिशें होती हैं कामयाब , कोशिश तुम करते रहना।
बेटा तुम आगे बढ़ना ।
हार और जीत जीवन के सिक्के के दो पहलू हैं। इनमें से एक मिलेगी, इनसे है क्या डरना।
बेटा तुम आगे बढ़ना ।
जीवन में आएंगी मुश्किलें तुम डटकर सामना करना।
हो जाओ कभी जो विफल तो, तुम फिरसे कोशिश करना।
बेटा तुम आगे बढ़ना ।
तुम यूहीं आगे बढ़ते रहना ,
तुम यूहीं प्रगति करते रहना ,
आगे बढ़ने की दौड़ में कभी अपनों को ना भूलना ,
बेटा तुम आगे बढ़ना ।
बेटा तुम आगे बढ़ना ।………
— अभिनव मिश्रा
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